लखनऊ।(लखनऊ के समाचार भारती के लिए समूह संपादक मनीष गुप्ता की रिपोर्ट) सैंया भए कोतवाल ,तो फिर डर काहे का कुछ ऐसे ही कहानी उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रही हैl उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर तरफ सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ काम कर रहे हैंl प्राथमिकता यह है कि कोई भूखा ना सोए इसी कड़ी में उन्होंने” वन नेशन -वन कार्ड” योजना को प्रभावी ढंग से यूपी में लागू कर दिया ,मकसद था कि किसी भी व्यक्ति को चाहे वह कहीं का भी रहने वाला हो, प्रवासी मजदूर हो या किसी और प्रदेश का नागरिक या इसी प्रदेश में रहने वाले, किसी और जिले का नागरिक l सबको सिर्फ राशन कार्ड का नंबर बताने से ही, राशन मिल जाएगा लेकिन इस बात की हकीकत अगर आप देखेंगे तो हैरान और परेशान हो जाएंगे l
जब इस योजना की जमीन तलाशी गई, तो “समाचार भारती” टीम ने रुख किया चिनहट इलाके में एक कोटेदार का कोटेदार का नाम है लखन लखन की सेमरा में सरकारी राशन की दुकान है l क्षेत्र के एक नागरिक से समाचार भारती को फोन पर जानकारी मिली कि बाहर के डिस्ट्रिक्ट के रहने वाले जो लोग, इस समय लखनऊ में रह रहे हैं ,उनको इस योजना का फायदा नहीं मिल रहा हैl जबकि आनंद लोक कॉलोनी के रहने वाले एक शख्स ने नाम ना छापने की शर्त पर कुछ ऐसी जानकारी दी जो इस योजना पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है ,उनका कहना था कि, पिछले महीने उन्हें बहराइच का राशन कार्ड दिखाकर लखनऊ में राशन मिल गया था ,लेकिन इस बार जब वह राशन लेने गए तो कोटेदार का कहना था की पोटेबिलिटी यानी कि दूसरे जिले के जिन लोगों के कार्ड हैं, उनका डाटा मशीन में हिडन हो गया हैl
जिसके चलते उन्हें राशन नहीं मिल पाएगा, पहले क्षेत्र के लोगों को राशन दिया जाएगा उसके बाद उनका नंबर आएगा l इस पर समाचार भारती टीम ने पड़ताल की और कोटेदार से मुलाकात कर हकीकत जानने की कोशिश की ,तो कोटेदार ने सप्लाई इंस्पेक्टर कौशलेंद्र का नंबर दिया, जब कौशलेंद्र साहब से बात की गई तो उन्होंने यह आश्वासन दिया 6,7 तारीख तक पोर्टेबिलिटी वाले कार्ड धारकों का डाटा ओके हो जाएगा l उसके बाद वह कहीं से भी राशन ले सकते हैं l लेकिन सवाल यह है कि जो पात्र राशन लेने चिनहट के सेमरा क्षेत्र में लखन कोटेदार के यहां गए थे, अगर कोटेदार की बात सच निकली तो उनके पास इतना राशन नहीं है 4 दिन बाद राशन बच सकें lअब सवाल यह उठ रहा है कि अगर पोटेबिलिटी वाले कार्डधारक परेशानी उठाएंगे तो वन नेशन – वन कार्ड का वजूद क्या रह जाएगा ?और जिस तेजी से सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को प्रदेश में लागू किया है ,उसका लाभ भला कैसे पोटेबिलिटी वाले राशन कार्ड धारकों को मिलेगा ?यह अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल है l यह तो महज एक उदाहरण है, जरा सोचिए कि जब कोटेदार के पास राशन ही नहीं बचेगा तो वह पोर्टेबिलिटी वाले राशन कार्ड धारकों को राशन कैसे मुहैया कराएंगे और कब मुहैया कराएंगे? यह तो भविष्य की गर्त में है l
जब क्षेत्र का कोटेदार ही राशन देने से मना करेगा तो फर्ज कीजिए पात्र व्यक्ति अगर दूसरे राशन कंट्रोल में जाता है, तो उसका हाल क्या होगा यानी जब अनजान राशन की दुकान पर दूसरे क्षेत्र का व्यक्ति जाएगा तो अगर वह भी यही बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लेता है कि, पहले क्षेत्र के लोगों को मिलेगा तब पोटेबिलिटी वाले लोगों को फायदा मिलेगा l ऐसे में पोटेबिलिटी वाला कार्ड धारक भला कहां जाएगा? जबकि सरकार की मंशा है की इस योजना का फायदा ज्यादा से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों और दूसरे जिले से आए लोगों के परिवारों को मिल सके l प्रशासनिक अधिकारियों को इस ओर जरूर ध्यान देना चाहिए कि आखिर जरूरी पात्रों के साथ-साथ वह पोटेबिलिटी वाले कार्ड धारक कैसे सरकार की इस योजना का फायदा उठाएं कि ,उन्हें भी लाभ मिल पाए l वरना ऐसे कार्ड धारक यह महीना बगैर सरकारी राशन की मदद के गुजारने को मजबूर होंगे l