आरिफ़ मोहम्मद ब्यूरोचीफ कानपुर
सरकार द्वारा पास कृषि बिल को लेकर नाराज किसानों का पुरे देश में प्रदर्शन करते लगभग दो सप्ताह बीत चुका है इस दौरान किसानों और सरकार के बीच प्रदर्शन और कृषि बिल को लेकर कई बार बैठक भी की गयी लेकिन इन सभी बैठकों का कोई नतीजा नहीं निकला। केंद्र की बीजेपी सरकार पारित किए गए कृषि बिल को वापस करने को तैयार नहीं और देश का अन्नदाता किसान आंदोलन ख़त्म करने को तैयार नहीं। इसी जद्दोजहद में दो सप्ताह बीत गए लेकिन नतीजा ज़ीरो निकला। इसी क्रम में प्रदेश के कानपुर में लगातार हो रहे किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी ने प्रेसवार्ता के माध्यम से अपनी बात रखकर विपक्ष पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि किसान अन्नदाता है। उसका अपने हक के लिए लड़ना उसका अधिकार है। इस किसान आंदोलन में कई राजनीतिक दल जो अपना जनाधार बढ़ाने और राजनितिक रोटी सेकने में लगे हुए हैं। और कई राष्ट्रविरोधी ताकतों के लोग खालिस्तान के समर्थक, टुकड़े-टुकड़े गैंग के वो लोग जो सीएए बिल को लेकर लोगों को भड़काते रहे जगह-जगह दंगे करवाते रहे। और ऐसे कम्युनिस्ट लोग जो देश की एकता और अखंडता को बाटने का काम कर रहे हैं। ये सभी अराजक तत्व नहीं चाहते कि देश में किसान आंदोलन थमे। किसान और सरकार के बीच कोई समझौता हो। जब तक ये बाहरी ताकतें किसानों को भड़काती रहेंगी तब तक न कोई समझौता होने देंगे और न आंदोलन थमने देंगे। उन्होंने ये भी कहा कि किसान सरकार से ये बताएं कि पारित किसान बिल में क्या कमी है सरकार उस कमी में सुधार करने के लिए तैयार है वापस करने के लिए नहीं।